देहरादून में किशोरी के साथ हैवानियत, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
दिल्ली में जब किशोरी कश्मीरी गेट पर थी तब उत्तराखंड परिवहन निगम की अनुबंधित बस के परिचालक देवेंद्र ने किशोरी को सही राह दिलाने का दिलासा दिया। उसने दून लाकर फिर यहां से आगे जाने का मार्ग दिखाया। किशोरी ने भी ड्राइवर अंकल पर विश्वास जताया और बस में बैठ गई।
देहरादून। अंधेरी रात में देहरादून की सबसे व्यस्त रहने वाले आईएसबीटी में किशोरी को तनिक भी आभास नहीं था कि जिस ड्राइवर अंकल से उसने मदद ली वह ही हैवान बन जाएगा। दिल्ली से देहरादून का सफर तय कर वह आईएसबीटी पहुंची तो आधी रात को पांच हैवानों ने बस में ही दुष्कर्म किया। किशोरी चिल्लाई लेकिन अंधेरी रात में उसकी चीख कोई सुन न सका।
12 अगस्त को दिल्ली से किशोरी ने बस के परिचालक देवेंद्र से पंजाब जाने का रास्ता पूछा तो उसकी नीयत खराब हो गई। परिचालक चालक के साथ मिलकर किशोरी को दिल्ली से देहरादून जाने और देहरादून से पंजाब जाने का रास्ता बताकर देहरादून ले आया।
दून आईएसबीटी में बस पहुंची तो सभी सवारी उतरने के बाद किशोरी बस में ही थी। तभी परिचालक और चालक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बात यहीं तक खत्म नहीं हुई इसके बाद आरोपी ने दूसरे बस चालकों और रोडवेज के खजांची को बताया तो इन सभी ने भी किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। घटना रात को एक बजे के बाद हुई तो ज्यादा लोग आईएसबीटी पर मौजूद नहीं थे।
दिल्ली में जब किशोरी कश्मीरी गेट पर थी तब उत्तराखंड परिवहन निगम की अनुबंधित बस के परिचालक देवेंद्र ने किशोरी को सही राह दिलाने का दिलासा दिया। उसने दून लाकर फिर यहां से आगे जाने का मार्ग दिखाया। किशोरी ने भी ड्राइवर अंकल पर विश्वास जताया और बस में बैठ गई। लेकिन बस के परिचालक और चालक दून आईएसबीटी पर आते ही हैवान बन गए।
सामूहिक दुष्कर्म के प्रकरण में आरोपी परिवहन निगम के खजांची राजेश सोनकर ने वारदात की रात सरकारी खजाने की भी चिंता नहीं की। उसकी ड्यूटी कैशरूम में थी, वह कैशरूम को छोड़कर उस बस पर चला गया, जहां पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था। इसके बाद से वह लगातार कैश रूम में ड्यूृटी कर रहा था। शनिवार की रात को उसे पुलिस ने ड्यूटी के दौरान ही हिरासत में लिया गया।
12 अगस्त की रात परिवहन निगम के नियमित परिचालक राजेश सोनकर की ड्यूटी कैश रूम में थी। निगम की बसों के परिचालक कैश लाकर इसके पास जमा करते थे। रात दस बसे से इसकी ड्यूटी शुरू हुई, जो सुबह छह बजे तक चलनी थी। इसी बीच रात में करीब 12 से एक के बीच यह कैश रूम छोड़कर उस बस पर चला गया, जहां वारदात को अंजाम दिया गया। परिवहन निगम के अनुसार इस घटना की जानकारी निगम प्रशासन को नहीं थी, इसलिए वह लगातार ड्यूटी कर रहा था। 17 अगस्त की रात को पुलिस ने उसे ड्यूूटी के दौरान गिरफ्तार कर लिया।