श्री गुरु रामदास जी महाराज के ज्योति ज्योत दिवस पर उन्हें कोटिशः नमन: डॉ. अभिनव कपूर

समाजसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, गुरु साहिब का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा, समरसता और करुणा का अमिट प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने सिख पंथ के चतुर्थ गुरु, गुरु साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज के ज्योति ज्योत दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सादर नमन किया।

इस अवसर पर अपने संदेश में समाजसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, सिख पंथ के चतुर्थ गुरु, गुरु साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज के ज्योति ज्योत दिवस पर उन्हें कोटिशः नमन! उनकी दिव्य वाणी और सेवा भावना आज भी मानव समाज को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करती हैं।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, अपने विचारों, सेवा भाव और करूणा से मानवता को नई दिशा देने वाले, पवित्र शहर अमृतसर के संस्थापक, महान समाज सुधारक, भक्ति एवं सेवा के प्रतीक, सिखों के चतुर्थ गुरु ‘परम श्रद्धेय’ गुरु रामदास जी ने न केवल त्याग, दया और सेवा का पाठ पढ़ाया, बल्कि अमृतसर जैसे पवित्र शहर की स्थापना कर हजारों-लाखों लोगों को अध्यात्म और सच्चे जीवन का मार्ग दिखाया। गुरु साहिब का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा, समरसता और करुणा का अमिट प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

इसके अलावा ‘महिला समानता दिवस’ के अवसर पर अपने संदेश में समाजसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, समस्त माताओं-बहनों के आत्मसम्मान, समानता एवं अधिकारों को समर्पित ‘महिला समानता दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज देश और दुनिया में नारी शक्ति अपने अद्भुत आत्मबल, दृढ़ इच्छा-शक्ति और संकल्प के साथ हर क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना रही है।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, हर साल 26 अगस्त को ‘वूमेन क्वालिटी डे’ या ‘महिला समानता दिवस’ मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की समानता और उनके अधिकारों के प्रति समर्पित है, यह दिन महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों को मान्यता देने और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है। महिला समानता दिवस की शुरुआत 26 अगस्त 1971 को अमेरिका में की गई थी।

उन्होनें कहा, आज का दिन हमें यह स्मरण कराता है कि समाज की वास्तविक प्रगति तभी संभव है, जब महिलाओं को समान अधिकार, अवसर और सम्मान मिले। महिला केवल परिवार की धुरी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सशक्त आधारशिला भी है। आइए! हम सब मिलकर संकल्प लें कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को प्रोत्साहित करेंगे।

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