बस हादसे ने खोल दी सरकार के कार्यों और सड़क सुरक्षा इंतजामों की पोल : भावना पांडे
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड सरकार व लोक निर्माण विभाग की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं हैं। सरकार और विभाग की कार्यशैली कईं मासूम जिंदगियों को खतरे में डाल रही है।
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध जनसेवी भावना पांडे ने अल्मोड़ा के मरचूला में हुए बस हादसे को लेकर कईं सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस बस हादसे ने उत्तराखंड सरकार के कार्यों और सड़क सुरक्षा के इंतजामों की पोल खोल दी है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि मरचूला में बस हादसे के कारणों में लोक निर्माण विभाग की लापरवाही भी प्रमुख तौर पर मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि यह सड़क कई जगह क्षतिग्रस्त थी। इस पर कहीं भी सड़क सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर नहीं लगाए गए थे। इस मामले में लोक निर्माण विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आई है। वहीं विभाग की लापरवाही उजागर होने पर आनन-फानन में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिये।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड सरकार व लोक निर्माण विभाग की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं हैं। सरकार और विभाग की कार्यशैली कईं मासूम जिंदगियों को खतरे में डाल रही है। उत्तराखंड की अधिकांश सड़कों का यही हाल है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से आये दिन यहाँ छोटे-बड़े हादसे घटित हो रहे हैं किंतु सुध लेने वाला कोई नहीं।
वहीं जनसेवी भावना पांडे ने परिवहन विभाग की लापरवाही बयां करते हुए कहा कि शासन, प्रशासन और परिवहन विभाग ने यदि एक जुलाई, 2018 के धुमाकोट बस हादसे से सबक लिया होता तो सोमवार को मर्चूला हादसे से बचा जा सकता था। मर्चूला हादसे ने एक बार फिर धुमाकोट और नैनीडांडा क्षेत्र के जख्म हरे कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि एक जुलाई, 2018 को धुमाकोट क्षेत्र में बमेणीसैंण से भौन पीपली मार्ग पर धुमाकोट आ रही जीएमओयू की बस गहरी खाई में जा गिरी थी। तब हादसे में 48 लोगों की मौके पर ही जान चली गई थी। इस हादसे की वजह तब ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार बताई गई थी। इस हादसे के बाद भी धुमाकोट के सुदूरवर्ती क्षेत्र में संचालन करने वाली परिवहन कंपनियों और सरकारी एजेंसियों ने कोई सबक नहीं लिया।