हरेला मैराथन दौड़, लोकपर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने के लिए जुटे लोग
उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग को लेकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ चुके धावकों ने हरेला मैराथन शुरू की।
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के हरेला पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग को लेकर तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर से नई दिल्ली के लिए 500 किमी हरेला मैराथन दौड़ शुरू हो गई है। इस मैराथन में उत्तराखंड की फ्लाइंग गर्ल भागीरथी बिष्ट, सिरमौरी चीता और अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुनील शर्मा सहित अन्य कई प्रतिभाग कर रहे हैं।
पहले दिन मैराथन तुंगनाथ मंदिर से चोपता, मक्कूमठ होते हुए रुद्रप्रयाग पहुंची। बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे पंच केदार में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर में उत्तराखंड के पावन लोकपर्व हरेला को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग को लेकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ चुके धावकों ने हरेला मैराथन शुरू की।
मंदिर से चोपता होते हुए बनियाकुंड से मक्कूमठ के रास्ते से यह मैराथन रुद्रप्रयाग पहुंची। हरेला मैराथन दौड़ के आयोजक अभिषेक मैठाणी ने बताया कि 20 सितंबर को मैराथन रुद्रप्रयाग से देवप्रयाग, 21 को देवप्रयाग से ऋषिकेश, 22 को ऋषिकेश से रामपुर-तिराह, मुज्जफरनगर, 23 को रामपुर तिराह से मेरठ और 24 सितंबर को मेरठ से नई दिल्ली, गढ़वाल भवन पहुंचेगी।
हरेला मैराथन का मुख्य उद्देश्य हरेला पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित करना है। नई दिल्ली में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के माध्यम से मांगपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।