उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने पूर्व सीएम की सोशल मीडिया पोस्ट पर व्यक्त की प्रतिक्रिया, कही ये बात

भावना पांडे ने कहा कि हम राज्य आंदोलनकारी हैं किंतु उत्तराखंड में एक वरिष्ठ नागरिक द्वारा सहायता मांगने पर सरकार और पुलिस द्वारा मदद ना किया जाना बेहद दुःख की बात है।

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सीएम के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर अफ़सोस जताया।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि हरीश रावत ना सिर्फ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं बल्कि वे केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता के तौर पर हर कोई उनका सम्मान करता है किंतु एक दिग्गज राजनेता व वरिष्ठ नागरिक के साथ भाजपा सरकार द्वारा भेदभाव किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को और भाजपा के सारे नेताओं को स्पेशल एस्कॉर्ट दी गई है किंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। भाजपा के राज में आज पुलिस भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता की मदद करने से मना कर देती है, वाकई ये बड़े दुःख की बात है। स्वयं हरदा ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बयां की है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने मुख्यमंत्री धामी से सवाल पूछते हुए कहा कि प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ भेदभाव क्यों, जबकि बीजेपी के तमाम नेताओं को सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य आंदोलनकारी हैं किंतु उत्तराखंड में एक वरिष्ठ नागरिक द्वारा सहायता मांगने पर सरकार और पुलिस द्वारा मदद ना किया जाना बेहद दुःख की बात है।

हरीश रावत की फेसबुक पोस्ट :

भूतपूर्व मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कभी किसी सुविधा की राज्य से आकांक्षा नहीं की। दो पुलिस के लोग भी सरकार भेजना आवश्यक समझती है इसलिए मेरे साथ हैं। हां, दिल्ली एयरपोर्ट में राज्यों के प्रोटोकॉल अधिकारी अपने-अपने राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों, यहां तक की मंत्रियों तक को एयरपोर्ट पर मदद करते हैं, लेकिन मैंने कभी उस सुविधा की भी चाहत नहीं रखी। लेकिन कल 23 जुलाई को दिल्ली से देहरादून आ रहा था, लास्ट समय में कुछ विजिटर्स आ गए तो उनसे बात करने में थोड़ी देर हो गई, एयरपोर्ट पर मुझे एक प्रोटोकॉल की आवश्यकता पड़ी। जब मैं राज्य के प्रोटोकॉल अधिकारी से कहा तो उन्होंने कहा कि साहब हमको आदेश नहीं है, अन्नतोगत्वा मुझे सीआरपीएफ से मदद लेनी पड़ी, नहीं तो मैं फ्लाइट नहीं पकड़ पाता। वैसे ही कभी-कभी मुझे जब मैं बहुत ट्रैफिक जाम में फंस जाता हूं तब एस्कॉर्ट की याद आती है, सारे भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को, भाजपा के सारे नेताओं को स्पेशल एस्कॉर्ट दी गई है। लेकिन मुझे ऐसी स्थिति आने पर कि बहुत आवश्यक हो जाए एस्कॉर्ट तब भी जो है एस्कॉर्ट की सुविधा नहीं दी जाती। खैर मैं सुविधा का तलबगार नहीं हूं। लेकिन राज्य और राज्य के प्रशासकों की संवेदनशीलता को मैं आप सबसे साझा अवश्य करना चाहता हूं।
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