भारतीय वन्य जीव संस्थान ने जारी किए वन्य जीव गणना के आंकड़े
आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश के प्रत्येक जिले में औसतन 175 से अधिक गुलदार घूम रहे हैं। पिछले लंबे समय से गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद सहित अन्य कई इलाकों में गुलदार हिंसक होकर समय-समय पर जानमाल का नुकसान कर रहे हैं, जिससे आमजन परेशान हैं।
देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में 2276 गुलदार घूम रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक 294 पिथौरागढ़ डिवीजन में हैं। पिथौरागढ़ में हिमालयन घुरड़, सांभर, जंगली सूअर और काला भालू की संख्या भी अन्य से अधिक है। यह जानकारी भारतीय वन्य जीव संस्थान ने दी है। हाल ही में संस्थान ने वन्य जीव गणना के आंकड़े जारी किए हैं।
मध्य हिमालय जोन में पहली बार इस तरह की गणना की गई है। आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश के प्रत्येक जिले में औसतन 175 से अधिक गुलदार घूम रहे हैं। पिछले लंबे समय से गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद सहित अन्य कई इलाकों में गुलदार हिंसक होकर समय-समय पर जानमाल का नुकसान कर रहे हैं, जिससे आमजन परेशान हैं।
दो वर्ष बाद वन्य जीवों की गणना के आंकड़े जारी
मध्य हिमालय क्षेत्र में समुद्रतल से 1000 मीटर से 3500 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारतीय वन जीव संस्थान ने वन विभाग के साथ मिलकर दिसंबर 2021 व जुलाई 2022 में वन विभाग के 20 से अधिक प्रभागीय व वन्य जीव प्रभागीय क्षेत्रों में गुलदार, भारतीय काकड़ (भौंकता हिरण), एशियाई काला भालू, हिमालयन घुरल, सांभर, जंगली सूअर की गणना की।
इस गणना के लिए संस्थान के विशेषज्ञों ने पद चिन्ह, मल व बाल के सैंपल, ट्रैप कैमरा आदि के जरिए चरणबद्ध तरीके से कुल 4051 वन्य जीवों के चिन्ह के सैंपल एकत्रित किए। सभी माध्यमों से प्राप्त सैंपलों की जांच कर भारतीय वन्य जीव संस्थान ने रिपोर्ट तैयार की और करीब दो वर्ष की मेहनत के बाद वन्य जीवों की गणना के आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों की मदद से मानव और वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम में मदद मिलेगी और वन्य जीव प्रबंधन के लिए योजना बनाने में भी मदद मिलेगी।
सात डिवीजन में 100 से अधिक गुलदार