संयुक्त नागरिक संगठन ने सीएम को लिखा पत्र, वनमंत्री के इस्तीफे की मांग की
विगत वर्षों की वनाग्नि की घटनओं में हुई बर्बादी से हमसब ने कोई सबक नहीं सीखे। आमजन में चर्चा है कि आपके वनमंत्री सुबोध उनियाल को अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए,
देहरादून। उत्तराखंड मे ग्यारह हजार से ज़्यादा हेक्टेयर क्षेत्र मे राख बने पहाड़ी क्षेत्रों में धधकती दावाग्नि से हुए विनाश के लिए वनमंत्री सुबोध उनियाल से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र लिये जाने की संयुक्त नागरिक संगठन द्वारा मांग की गई।
संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से मुख्यमंत्री धामी को भेजे गये पत्र मे कहा गया है कि धधकते जंगलों ने यहां के लाखों पशुपक्षियों एवं वन्यजीवो, जिनमें खरगोश, बंदर, तीतर, हिरण तथा वृक्षों पर जिन्दगी बसर करने वाले पक्षियों तथा इनकी भावी संतानो की जिंदगी को राख बना दिया। लाखों पेड़ पौधे जिनकी जिंदगी मे सांस होती है वह भी राख बन गई।
पहाड़ों पर रहने वाले ग्रामीणों की सांस में घुस गई जहरीली गैसो से उनके स्वास्थ्य को खतरा हो रहा है। भोजन व चारे के लिए वनस्पतियों पर निर्भर पशुओं की जिंदगी भी खतरे में है। भूस्खलन और मिट्टी का कटाव भी होगा। ये सब बातें आम चर्चा का विषय बन रही है और आमजन मे चर्चा है कि आखिर 1100 हैक्टेयर में राख बन गई जिंदगी को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार कौन है।
विगत वर्षों की वनाग्नि की घटनओं में हुई बर्बादी से हमसब ने कोई सबक नहीं सीखे। आमजन में चर्चा है कि आपके वनमंत्री सुबोध उनियाल को अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए, यही मत हमारा भी है। हमारा यह भी अनुरोध है कि भावी समय में इस प्रकार की दावागनि को रोकने के लिए जन सहयोग को स्थानीय स्तर पर अनिवार्य अंग बनाते हुए स्वयं सेवक अग्नि रक्षक बनाने होंगे।
जंगलों में चीड़ के पेड़ों का सफाया कर फलदार वृक्षारोपण अभियान आगामी वर्षा ऋतु में किये जाएं इसके लिए अभी से सभी विभागों व शिक्षा संस्थानों को पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्यरत संस्थाओ को एकजुट कर योजनाएं बनानी होगीं। आशा है यह नेक काम आप तत्काल आरम्भ करवायेगे।