गुरू हरराय जी की जन्म जयंती पर जनसेवी अजय सोनकर ने अर्पित किये श्रद्धासुमन

जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- गुरु हरराय एक आध्यात्मिक पुरुष होने के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे।

देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी, चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने सिक्खों के सातवें गुरू, गुरू हरराय जी की जन्म जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें सादर नमन किया।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- धर्म, ज्ञान और शांति के प्रचारक, सिक्खों के सातवें गुरू महापुरूष गुरू हरराय जी की जन्म जयंती पर कोटिशः नमन।

वरिष्ठ भाजपा नेता अजय सोनकर ने गुरु हरराय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु हरराय का जन्म सन् 16 जनवरी, 1630 ई. में पंजाब में हुआ था। गुरु हरराय जी एक महान् आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष थे। गुरु हरराय सिखों के छठे गुरु के पुत्र बाबा गुरदिता जी के छोटे बेटे थे। जिनका जन्म बाबा गुरुदिता जी के घर माता निहाल कौर की कोख से हुआ था। गुरु हरगोविन्द साहिब जी ने ज्योति जोत समाने से पहले, अपने पोते हरराय जी को 14 वर्ष की छोटी आयु में 3 मार्च 1644 को ‘सप्तम नानक’ के रूप में स्थापित किया। गुरु हरराय साहिब जी का विवाह अनूप शहर, उत्तर प्रदेश के दया राम जी की पुत्री किशन कौर जी के साथ सम्वत् 1697 में हुआ था। गुरु हरराय साहिब जी के दो पुत्र रामराय जी, हरकिशन साहिब जी (गुरु) थे। गुरु हरराय साहिब जी का शांत व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित करता था। गुरु हरराय साहिब जी ने अपने दादा गुरु हरगोविन्द साहिब जी के सिख योद्धाओं के दल को पुनर्गठित किया था। गुरु हरराय एक आध्यात्मिक पुरुष होने के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे।

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