जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने गीता जयंती के अवसर पर दी शुभकामनाएं

जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि श्रीमद् भगवद गीता या गीता, कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध की शुरुआत से पहले भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच होने वाला संवाद है

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने श्रीमद् भगवद् गीता जयंती के अवसर पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

इस पावन अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- आप सभी को श्रीमद् भगवद् गीता जयंती के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जीवन का दृष्टिकोण उन्नत बनाने की कला सिखाती है गीता। युद्ध जैसे घोर कर्मों में भी निर्लेप रहना सिखाती है गीता। कर्तव्यबुद्धि से ईश्वर की पूजारूप कर्म करना सिखाती है गीता। मरने के बाद नहीं, जीते-जी मुक्ति का स्वाद दिलाती है गीता।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि श्रीमद् भगवद गीता या गीता, कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध की शुरुआत से पहले भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच होने वाला संवाद है। मान्यता के अनुसार, जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उस दिन को ही गीता की जन्मतिथि मानते हुए गीता जयंती मनाई जाती है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। गीता कईं सदियों पुराना ग्रंथ है, इसके हर शब्द में निहित तर्क, ज्ञान, जीवनदृष्टि एवं संसार को देखने एवं जीने का सार्थक नजरिया इसे एक कालातीत, सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक मार्गदर्शक बनाता है।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- “भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, दुष्टों की दृष्टि का विस्तार होता है और अधर्म की वृद्धि होती है तब-तब मैं अवतार लेता हूं या प्रतिनिधि के रूप में किसी महापुरुष को भेजता हूं ताकि विश्व के अंदर शांति तथा धर्म का साम्राज्य स्थापित हो सके।”

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