पहाड़ों पर बारिश का कहर, शिमला और उत्तराखंड में मचा हाहाकार

शिमला/देहरादून। पहाड़ों पर बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश के सोलन में जहां बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई वहीं शिमला में एक शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया। जिसके मलबे में करीब 40 लोग दब गए। मलबे से तीन लोगों के शवों को बाहर निकाल लिया गया है। उधर, उत्तराखंड में भी बारिश ने तबाही मचाई हुई है।

हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश भर में भारी बारिश का कहर जारी है। बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रही है। इसकी वजह से कई सड़कें बंद हो गई हैं। शिमला के समरहिल इलाके में भूस्खलन की चपेट में शिव मंदिर आ गया है। मलबे में 40 से ज्यादा श्रद्धालु दब गए। तीन शव निकाले जा चुके हैं। बचाव अभियान जारी है। इससे पहले सोलन में बादल फटा था। इसमें सात लोगों की मौत हो गई।

20 से ज्यादा लोगों की हुई मौत

हिमाचल प्रदेश में सोमवार को बारिश के कहर के बीच शिमला में दो भूस्खलन और सोलन में बादल फटने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर ढह गया था और फागली इलाके में एक अन्य जगह जहां कई घर मिट्टी और कीचड़ के नीचे दब गए थे। मलबे से नौ शव निकाले गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी कई और लोगों के फंसे होने की आशंका है। सोलन जिले में बादल फटने से एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। रविवार रात बादल फटने से सोलन में दो घर बह गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छह लोगों को बचा लिया गया, जबकि जादोन गांव में सात अन्य की मौत हो गई।

मंडी की मझबाड़ पंचायत में बादल फटा

मंडी की मझबाड़ पंचायत में बादल फटा है। दो आदमी मलबे में दब गए हैं, जबकि यहां कुछ लापता हैं। जिनकी तलाश जारी है। यहां पर भारी बारिश ने तबाही मचाई है। घुमारवीं के तियूनखास तियूड़ी गांव में रात को भूस्खलन हो गया। इसको लेकर लगभग 11 परिवारों के घर खाली करवाए गए हैं।

उत्तराखंड के चमोली में उफनाए नदी-नालों ने मचाई तबाही

उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार रात से शुरू हुई भारी बारिश आज भी जारी है। जनपद के थराली, नंदानगर और पीपलकोटी क्षेत्र में नदियों के साथ ही गाड गदेरे उफान पर बह रहे हैं। सबसे अधिक नुकसान थराली में हुआ है। यहां थराली गांव और केरा गांव में कई मकान व गौशालाएं मलबे में दब गईं। कई जगह छोटे पुलों को भी नुकसान हुआ है।

पिंडर नदी और प्राणमति नदी में उफान

पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों ने रात घरों से बाहर रहकर बिताई। चमोली पुलिस ने नदी किनारे रहने वाले थराली, नारायणबगड़, कर्णप्रयाग और उससे नीचे बसे लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। वहीं, कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ा है। दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब हैं। वहीं, प्राणमति नदी भी खतरे के निशान को छू रही है। नंदानगर में नंदाकिनी नदी भी उफान पर बह रही है। पीपलकोटी में नगर पंचायत पीपलकोटी का कार्यालय व समीप के आवासीय मकान मलबे में दब गए हैं। यहां कई वाहन भी मलबे में दबे हैं।

उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

पीपलकोटी के ही गडोरा गांव में एक आवासीय भवन के दोनों ओर से भू-कटाव होने से मकान असुक्षित हो गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश बंडवाल ने बताया कि मकान को खाली कर परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में बिजली सप्लाई भी ठप पड़ गई है। पीपलकोटी के गडोरा में बदरीनाथ हाईवे पर भी भारी मात्रा में मलबा आ गया है। मलबे में कुछ गाड़ियां दबी हैं। यहां होटल को भी भू-धंसाव से खतरा उत्पन्न हो गया है। चमोली तहसील के कौंज पोथनी गांव में तीन गौशाला मलबे में दब गई हैं। यहां मवेशी भी मलबे में दबे हैं। साथ ही बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया है। गडोरा और जोशीमठ के समीप मारवाड़ी में हाईवे अवरुद्ध है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्री भी जगह-जगह फंसे हैं। छिनका और नंदप्रयाग में भी हाईवे मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है।

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