आप सभी को ‘वट सावित्री’ व्रत एवं ‘शनि जयंती’ की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं : अजय सोनकर

जनसेवी अजय सोनकर ने कहा कि हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से मनाया जाता है। इस पवित्र दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने समस्त देशवासियों को ‘वट सावित्री’ व्रत एवं शनि देव के जन्मोत्सव ‘शनि जयंती’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- आप सभी को ‘वट सावित्री’ व्रत एवं शनि देव के जन्मोत्सव ‘शनि जयंती’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। भगवान शनि देव आप सभी पर अपनी कृपा बरसाएं, न्याय के देवता, भगवान शनिदेव की कृपा से संपूर्ण सृष्टि में सुख-सौभाग्य का वास हो तथा सभी प्राणियों के मनोरथ पूर्ण हों, यही कामना है।

जनसेवी अजय सोनकर ने कहा कि हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से मनाया जाता है। इस पवित्र दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शनि देव कर्म फल दाता हैं। शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शास्त्रों में शनिदेव को न्यायाधीश की उपाधि मिलती है। शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, शनि भगवान सूर्य के पुत्र हैं।

वहीं आज वट सावित्री व्रत पर्व भी मनाया जा रहा है। उन्होंने वट सावित्री व्रत का वर्णन करते हुए कहा कि हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 6 जून को है। ये व्रत मुख्य रूप से सौभाग्यवती महिलाओं के द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए, संतान प्राप्ति के लिए और घर-परिवार के सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष विधान है। अतः इस दिन आपको वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। सभी शादीशुदा महिलाओं के लिए ये व्रत बहुत ज्यादा खास होता है जितना कि करवाचौथ का व्रत।

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