सारागढ़ी के युद्ध में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शूरवीरों को नमन: डॉ. अभिनव कपूर

जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, दुनिया के इतिहास में असीम वीरता एवं बहादुरी से लड़ा गया 'सारागढ़ी का युद्ध' भारतीयों के एक गौरवशाली अतीत का परिचायक है।

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने सारागढ़ी के युद्ध की 128वीं वर्षगांठ पर सारागढ़ी सेना के 21 सिपाहियों के बलिदान को स्मरण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी एवं सादर नमन किया।

सारागढ़ी सेना के वीर शहीदों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, सारागढ़ी के युद्ध में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सारागढ़ी सेना के 21 शूरवीरों के स्मृति दिवस पर उन्हें सादर नमन। दुनिया के इतिहास में असीम वीरता एवं बहादुरी से लड़ा गया ‘सारागढ़ी का युद्ध’ भारतीयों के एक गौरवशाली अतीत का परिचायक है।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा, सारागढ़ी के किले में सन् 1897 में आज के ही दिन 21 बहादुर सिख सैनिकों का 21 राइफलों के साथ 10,000 दुश्मनों से सीधा सामना हुआ। इस युद्ध में कर्तव्य पर मर-मिटने वाले सिखों की वीरता, शौर्य, पराक्रम और शहादत की कहानियां लिखी गईं। कर्तव्य की बलिवेदी पर हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर देने वाले 36वीं सिख रेजिमेंट के वीरों के बलिदान को देश कभी भुला न सकेगा।

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