जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने लोहड़ी के पावन अवसर पर दी शुभकामनाएं

डॉ. अभिनव कपूर ने लोहड़ी के पर्व का वर्णन करते हुए कहा कि लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है।

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने समस्त देशवासियों को लोहड़ी के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- ‘‘आप सभी को हर्षोल्लास के पावन पर्व लोहड़ी के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। लोहड़ी का प्रकाश आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियां लेकर आये, यही कामना है।’’

डॉ. अभिनव कपूर ने लोहड़ी के पर्व का वर्णन करते हुए कहा कि लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है। रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं। इस समय रेवड़ी, मूंगफली, गजक एवं लावा आदि खाए जाते हैं।

डॉ. कपूर ने कहा कि लोहड़ी के लिए लोग लकड़ी और उपले इकट्ठे करते हैं। संचित सामग्री से चौराहे या मुहल्ले के किसी खुले स्थान पर आग जलाई जाती है। मुहल्ले या गाँव भर के लोग अग्नि के चारों ओर आसन जमा लेते हैं। घर और व्यवसाय के कामकाज से निपटकर प्रत्येक परिवार अग्नि की परिक्रमा करता है। रेवड़ी और कहीं-कहीं मक्की के भुने दाने अग्नि की भेंट किए जाते हैं तथा ये ही चीजें प्रसाद के रूप में सभी उपस्थित लोगों को बाँटी जाती हैं। घर लौटते समय लोहड़ी में से दो चार दहकते कोयले प्रसाद के रूप में घर पर लाने की प्रथा भी है।

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