क्षय रोग के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है विश्व तपेदिक दिवस: डॉ. अभिनव कपूर

जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक खांसी बुखार आने पर संबंधित व्यक्ति को निकटवर्ती चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार नियमित रूप से निर्धारित समय तक किया जाना जरूरी है

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने विश्व तपेदिक दिवस (क्षय रोग दिवस) के अवसर पर समस्त देशवासियों को विशेष संदेश दिया है।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- आमजन के बीच टी.बी. यानी क्षय रोग के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस (क्षय रोग दिवस) मनाया जाता है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि क्षय रोग के लक्षण नजर आने पर तत्काल इसकी जांच करवाएं। सतर्क रहें और अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं।

डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक खांसी बुखार आने पर संबंधित व्यक्ति को निकटवर्ती चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार नियमित रूप से निर्धारित समय तक किया जाना जरूरी है। टीबी का इलाज कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, टीबी का इलाज बीच में छोड़ने पर टीबी का खतरनाक रूप ड्रग रेजिस्टेंस टीबी हो सकती है, नियमित उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है।

डॉ. कपूर ने कहा कि पंजीकृत टीबी रोगी को नियमिति रूप से दवाई खाने पर प्रत्येक माह पोषाहार भत्ता के रूप में उपचार अवधि तक पांच सौ रूपए दिया जाता है। साथ ही क्षय रोगी को दवा खिलाने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी एक हजार एवं पांच हजार रूपए दिया जाता है।

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