जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने ‘विश्व गौरेया दिवस’ पर दिया विशेष संदेश

जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- गौरेया के संरक्षण को लेकर ग्लोबल स्तर पर बदलाव आया है यह सुखद है। फिर भी अभी यह नाकाफी है। हमें प्रकृति से संतुलन बनाना होगा। हम प्रकृति और पशु-पक्षियों के साथ मिलकर एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण तैयार कर सकते हैं।

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने ‘विश्व गौरेया दिवस’ के अवसर पर जागरुकता हेतु विशेष संदेश दिया है।

विश्व गौरेया दिवस के अवसर पर जारी अपने विशेष संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- ‘विश्व गौरेया दिवस’ के अवसर पर प्रकृति की सुंदरतम रचनाओं में से एक गौरेया को इस धरा पर चहकने के लिए संरक्षित एवं आदर्श वातावरण देने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि ‘गौरेया’ उन विशेष पक्षियों में से एक है, जिसको चहकता देख हमें अपने बचपन के सुनहरे पल याद आते हैं।

शिक्षा रत्न डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि आज 20 मार्च है और इस दिवस को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रकृति की सुंदरतम रचनाओं में से एक, घर-आंगन को अपनी चंचल अदाओं से खुशगवार बनाने वाली नन्ही गौरेया की घटती आबादी को रोकने और उसके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से हर वर्ष ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि गौरेया के संरक्षण को लेकर ग्लोबल स्तर पर बदलाव आया है यह सुखद है। फिर भी अभी यह नाकाफी है। हमें प्रकृति से संतुलन बनाना होगा। हम प्रकृति और पशु-पक्षियों के साथ मिलकर एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण तैयार कर सकते हैं। जिन पशु-पक्षियों को हम अनुपयोगी समझते हैं, वह हमारे लिए प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन हमें इसका ज्ञान नहीं होता। गौरेया हमारी प्राकृतिक मित्र है और पर्यावरण में सहायक है। आइए ‘विश्व गौरेया दिवस’ के अवसर पर इस नन्हीं चिड़िया के संरक्षण का संकल्प लें।

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