जनसेवी भावना पांडे ने की मांग- उत्तराखंड की आम व गरीब जनता की सुध ले सरकार
समाजसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से अपील करते हुए कहा कि पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएं एवँ उत्तराखंड की आम व गरीब जनता की सुध ली जाए।
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा पर दुःख प्रकट किया। उन्होंने इसके लिये राज्य सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए प्रश्न किया कि आखिर पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं कब दुरुस्त होंगी और सरकार कब आमजन की तकलीफों की सुध लेगी।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने पहाड़ के लोगों की तकलीफों को बयां करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है, जिस वजह से पहाड़ के लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहाँ हर साल सैकड़ों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं एवं कईं लोग तड़पकर काल के गाल में समा जाते हैं। इसके बावजूद भी सरकार अभी तक पहाड़ों के दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचा पाई है और पहाड़ों में जहाँ स्वास्थ्य केंद्र हैं भी तो उनकी हालत बहुत दयनीय है। लगभग यही हाल प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों मे पिछड़े हुए ग्रामीण इलाकों का भी है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि ये हमारे उत्तराखंड के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि राज्य की जनता का एक बड़ा हिस्सा अभी तक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहा है, जबकि राज्य बने 24 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है। उन्होंने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार क्या कर रही है, जरूरतमंदों को तमाम जरूरी सुविधाएं कब मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन बीते सालों में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने उत्तराखंड की भोलीभाली जनता को सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं दिया।
समाजसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से अपील करते हुए कहा कि राज्य के पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएं एवँ उत्तराखंड की आम व गरीब जनता की सुध ली जाए। उन्होंने सरकार से माँग करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एवँ स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हो रही घटनाओं को संज्ञान में लें और लोगों को राहत देने का प्रयास करें।