दून के वरिष्ठ नागरिकों ने पर्यावरण विनाश पर व्यक्त किया दुख

संयुक्त नागरिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल का कहना था कि वृक्षारोपण के बाद लगाये गये पौधो को विकसित होने तक देखभाल कर फलने फूलने की जिम्मेदारी लिये बिना हरेला महोत्सव का महत्व नही है।

देहरादून। पर्यावरण पृथ्वी, जलवायु, पेड़ व पौधे सृष्टि का स्वरुप हैं तथा जिंदगी की रचना भी इन्ही पांच तत्वों से हुई है। इनको प्रदूषित कर हमने इनको भी प्रदूषित किया है। पर्यावरण दिवस पर मार्निगवाक पर गांधी पार्क को निकले दून के वरिष्ठ नागरिको ने पर्यावरण विनाश पर दुख व्यक्त किया।

इनका कहना था कि विकास के नाम पर शहरो मे उगते कंक्रीट के जंगलो और लगातार कटते जा रहे पेड़ो पर अब रोक लगानी ही होगी। इनका विचार था कि तेजी से फैलते जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण दून वासियो के स्वास्थ्य को खतरे मे डाल रहे है।यहां पर वृक्षाबंधन अभियान के मनोज ध्यानी द्वारा वरिष्ठ नागरिको को पर्यावरण संरक्षण हेतु जिम्मेदारी का अहसास दिलाते हुए शपथ भी दिलाई गयी।

गांधी पार्क को पीपीपी मोड मे दिये जाने के नगर निगम के प्रस्ताव पर भी आपत्ति व्यक्त करते हुए इसके निजीकरण के विरोध के सुर भी महसूस किये गये। संयुक्त नागरिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल का कहना था कि वृक्षारोपण के बाद लगाये गये पौधो को विकसित होने तक देखभाल कर फलने फूलने की जिम्मेदारी लिये बिना हरेला महोत्सव का महत्व नही है। इस दौरान गांधीपार्क मे लगातार पौधारोपण कर इनको रोजाना पानी से सिंचित करने मे जुटे विरेंद्र कुमार को शाल उड़ाकर सम्मानित भी किया गया।

शपथ लेने वालो मे अवधेश शर्मा, पीयूष भटनागर, ईरा चौहान, सुमन सिंह बल्दिया, चौधरी ओमवीर सिंह, कर्नल बीएम थापा, कुल बहादुर कार्की, पदम जंग, डा. गार्गी धुनता, नवीन सडाना, कैप्टन, वाईबी थापा, अशोक बल्लभ शर्मा, मैहर बंसल, आइबी गुरुंग, ताराचंद गुप्ता, हरजीत सिंह संधू, तारा चंद गुप्ता, प्रदीप कुकरेती, डा.अनिल जग्गी, दिनेश भंडारी, यज्ञ भूषण शर्मा, जीएस जस्सल, आशा नौटियाल, अर्पणा भंडारी, रोशन राणा, हरीश गुरुंग, तारा पांडे, डीके बोरा, डीबी खत्री, कौशल भाटिया, जितेंद्र अन्थवाल, रमेश नरूला, नरेश चंडोक, सुशील त्यागी एवं चौ.चंद्रपाल सिंह आदि शामिल थे।

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