नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अनुसेवक निलंबित, जांच के लिए समिति गठित

देहरादून। उत्तराखंड के हल्द्वानी में बाल संरक्षण गृह की नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अनुसेवक दीपा आर्या को निलंबित कर दिया गया है। जबकि दूसरी कर्मचारी होमगार्ड गंगा को होमगार्ड विभाग को वापस भेज दिया गया है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा, प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं।

जांच के लिए दो अधिकारियों की समिति गठित की है। जो अगले दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। बाल संरक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान एक न्यायिक अधिकारी को नाबालिग की ओर से आपबीती बताए जाने से मामले का खुलासा हुआ है। मंत्री रेखा आर्य ने कहा, मामले में विभाग की ओर से तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला शरणालय एवं प्रवेशालय हल्द्वानी की अनुसेवक दीपा आर्या को निलंबित कर उन्हें जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय नैनीताल से संबद्ध किया गया है।

जांच प्रभावित न हों इसके लिए दो कर्मचारियों को हटाया

जबकि होमगार्ड गंगा को होमगार्ड विभाग को वापस किया गया है। मंत्री ने कहा, पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला कल्याण मोहित चौधरी और उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता को शामिल किया गया है।

समिति बालिका ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच करेगी। इसके अलावा समिति अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। जांच में लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई होगी। मंत्री ने कहा, पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। जांच प्रभावित न हों इसके लिए दो कर्मचारियों को वहां से हटा दिया गया है।

विभाग ने दीपा को दिया आरोप पत्र

देहरादून। विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने आरोपी अनुसेवक दीपा आर्य को आरोप पत्र देते हुए 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। आरोप पत्र में कहा गया है कि आपने संवासिनियों की देखभाल एवं सुरक्षा के पद पर रहते हुए संस्था की नाबालिग संवासिनी को संस्था से अन्य जगह ले जाया गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ। आपने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 का उल्लंघन किया है। आपके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

मामला संज्ञान में आते ही पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रेखा आर्य, मंत्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभागजांच के लिए दो अधिकारियों की समिति गठित की है। जो अगले दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। बाल संरक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान एक न्यायिक अधिकारी को नाबालिग की ओर से आपबीती बताए जाने से मामले का खुलासा हुआ है। मंत्री रेखा आर्य ने कहा, मामले में विभाग की ओर से तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला शरणालय एवं प्रवेशालय हल्द्वानी की अनुसेवक दीपा आर्या को निलंबित कर उन्हें जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय नैनीताल से संबद्ध किया गया है।

जांच प्रभावित न हों इसके लिए दो कर्मचारियों को हटाया

जबकि होमगार्ड गंगा को होमगार्ड विभाग को वापस किया गया है। मंत्री ने कहा, पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला कल्याण मोहित चौधरी और उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता को शामिल किया गया है।

समिति बालिका ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच करेगी। इसके अलावा समिति अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। जांच में लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई होगी। मंत्री ने कहा, पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। जांच प्रभावित न हों इसके लिए दो कर्मचारियों को वहां से हटा दिया गया है।

विभाग ने दीपा को दिया आरोप पत्र

देहरादून। विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने आरोपी अनुसेवक दीपा आर्य को आरोप पत्र देते हुए 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। आरोप पत्र में कहा गया है कि आपने संवासिनियों की देखभाल एवं सुरक्षा के पद पर रहते हुए संस्था की नाबालिग संवासिनी को संस्था से अन्य जगह ले जाया गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ। आपने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 का उल्लंघन किया है। आपके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

मामला संज्ञान में आते ही पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रेखा आर्य, मंत्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग

Related Articles

Back to top button