चीन के दुश्मनों को दोस्त बना रहा हिंदुस्तान, शी जिनपिंग परेशान
नई दिल्ली। भारत की घेराबंदी करने के लिए चीन कभी नेपाल, कभी पाकिस्तान तो कभी श्रीलंका जैसे देशों से करीबी बढ़ाने और साजिश रचने का काम करता रहा है। मगर अब भारत ने चीन को उसके ही लहजे में जवाब देना शुरू कर दिया है। भारत चीन के उन सभी दुश्मनों से दोस्ती प्रगाढ़ कर रहा है, जो ड्रैगन को फूटी आंख नहीं सुहाते। इनमें वियतनाम से लेकर फिलीपींस, जापान, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया…इत्यादि देशों का नाम आता है। आस्ट्रेलिया, जापान, साउथ कोरिया, फीलिपींस से भारत के संबंध पहले ही बेहतर हैं। अब वियतनाम के साथ भारत अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। वियतनाम को साउथ चाइना सी में चीन से खतरा है। इसलिए वियतनाम भारत से दोस्ती करके चीन को साउथ-चाइना-सी और हिंद-प्रशांत महासागर में टक्कर देना चाहता है। वियतनाम से पहले जापान, आस्ट्रेलिया, फिलीपींस और दक्षिण कोरिया जैसे देश भारत के साथ दोस्ती कर चुके हैं। ये सभी देश चीन के दुश्मन हैं।
इस दौरान देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। जियांग दो दिन की भारत यात्रा पर आये हैं। सेना प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत और वियतनाम के बीच बढ़ते संबंधों को देखकर चीन बौखला रहा है। चीन को साउथ-चाइना सी और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में दादागिरी दिखाने से सिर्फ हिंदुस्तान ही रोक सकता है। इसलिए ड्रैगन के दुश्मनों के साथ भारत की जुगलबंदी शी जिनपिंग को परेशान कर रही है।
पीएम मोदी 2016 में गए थे वियतनाम
जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों का स्तर ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की 2016 में हुई वियतनाम की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंध उन्नत होकर ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर पहुंच गये थे। जनरल जियांग ने तीनों सेनाओं की सलामी गारद का निरीक्षण किया और राष्ट्रीय समर स्मारक पर जवानों को श्रद्धांजलि दी। वह आगरा भ्रमण भी कर सकते हैं।