कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक आयोजित, लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
देहरादून। कांवड़ मेले में इस बार भी डीजे प्रतिबंधित नहीं रहेगा। बल्कि पुलिस इसे नियंत्रित करेगी। यात्रा के दौरान कोई भी 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा। ये प्रमुख निर्णय पुलिस मुख्यालय में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में लिए गए। बैठक में सात राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान तय किया गया कि हर कांवड़ यात्री को अपने साथ पहचानपत्र लाना अनिवार्य होगा।
इस साल चार जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा का आयोजन होना है। पुलिस मुख्यालय में यह 18वीं अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक थी। बैठक की शुरुआत में एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि बीते 15-20 सालों से कांवड़ यात्रा में यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस साल भी लगभग चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने की संभावना है। कांवड़ मेला क्षैत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अफसरों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी चेकपोस्ट और बैरियरों पर संयुक्त रूप से चेकिंग की जाएगी।
बैठक के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस यातायात प्लान बनाएगी। सभी चौराहों और यात्रा मार्ग पर जागरूकता वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। इस बार भी डीजे को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। बल्कि इसका ध्यान रखा जाएगा कि इसकी ध्वनि नियंत्रित रहे। सभी जगह इसके लिए इलेक्ट्रोनिक साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। कोई भी यात्री अपने साथ लाठी, बेस बाॅल बैट, नुकीले भाले और अन्य हथियार नहीं ला सकेगा। रास्तों में उपद्रव को रोकने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर तैयारियां की जा रही हैं।
1500 सीसीटीवी कैमरों से होगी यात्रा मार्ग की निगरानी